लिली / Lily

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8/23/2016

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मुण

अ+   अ­ कहानी

लल   सय �त  पाठ   नराला  ूकां

प ा के  च

­मख ु पर षोडश कला क श墪� ु चि

का अ෡लान “खल रह  है । एका त कं ज क कल ­सी ☁णय के ु

वास ती मलयĀपश�  से   हल उठती,쬒蠂वकास के   लए याकु ल हो रह  है ।

प ा क ☁ तभा क ☁शं सा सन  쬒蠂पता ऑनरे र  मै िजĀे ट पि⾮डत रामे ☁वरजी शĀ  उ俲ퟀ俲ퟀवल ुकर उसके ुल उसके

भ쬒蠂वĀय पर अने क ☁कार क क पनाएँ  えकया करते  ह। यो瀶य वर के  अभाव से  उसका 쬒蠂ववाह अब तक रोक रĀखा है । मै क पर ෡ा म㾀  प ा का सब  म㾀  पहला Āथान आया था। उसे  विृ त  मल  थी। पनी को, यो瀶य वर न  मलने  के ूे कारण 쬒蠂ववाह 㾀का हु आ है , शĀ त े ह। साल­भर से  क या को दे खकर माता भ쬒蠂वĀय­शं का से  कां प ुलजी समझा दे उठती ह। प ा काशी 쬒蠂व☁व쬒蠂व㾀यालय के  कला­쬒蠂वभाग म㾀  दस  साल क छा ा है । ग म� य  क छु ��ी है , इलाहाबाद घर आयी ूरे

हु ई है । अबके  प ा का उभार, उसका रं ग­㾀प, उसक  चतवन­चलन­कौशल­वाता� लाप पहले  से  सभी बदल गये  ह। उसके  दय म㾀  अपनी क पना से  कोमल सौ दय�  क भावना, मिĀतĀक म㾀  लोकाचार से  Āवत  अपने  उ暞㏂छृ ं खल आनक  쬒蠂वचार पै दा हो गये  ह। उसे   नĀसं कोच चलती ­ えफरती, उठती­बै ठती, हँ सती­बोलती दे खकर माता ुूय के दय के  बोलवाले  तार से  कु छ और ढ ल  तथा बे सरु पड ग़यी ह।

एक  दन स या के  डू बते  सय �े  सन  ☁काश म㾀 ,  नर墪� नील आकाश के  नीचे , छत पर, दो कुस� याँ  डलवा माता ू क ुहले और क या गं गा का रजत­सौ दय�  एकटक दे ख रह  थी। माता प ा क पढाई, कॉले ज क छा ाओं  क सं Āया, बा लकाओं  के  होĀटल का ☁ब ध आ द बात㾀  पछ ती है । हाथ म㾀  है  हाल क  नकल  Āड ूती ह, प ा उतर दे

मै गजीन क एक ☁ त। तĀवीर㾀  दे खती जाती है । हवा का एक हलका झ का आया, खल  रे शमी बाल,  सर से  साडी ुे

क़ो उडाकर, गु दगु दाकर, चला गया। '' सर ढक  लया करो, तम हया हु ई जाती हो।'' माता ने  㾀खाई से  कहा। प ा ु बे ने   सर पर साडी क़ जर दार えकनार  चढा ल , आँ ख㾀  नीची कर えकताब के  प ने  उलटने  लगी। ''प ा!'' ग෡भीर होकर माता ने  कहा। ''जी!'' चलते  हु ए उप यास क एक तĀवीर दे खती हु ई न�ता से  बोल । मन से  अपराध क छाप  मट गयी, माता क वास य­स रता म㾀  कु छ दे र के   लए बाढ­सी आ गयी, उठते उ暞㏂겉�वास से  बोल , ''कानपरु  म㾀  एक नामी वकल महे श☁साद  पाठ  ह।'' ''हँ ◌ू '' ◌़  ◌़  ◌़  एक दस खती हु ई। ूर  तĀवीर दे

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''उनका लडक़ा आगरा यु नव स� ट  से  एम।ए। म㾀  इस साल फĀट�  Āलास फĀट�  आया है ।'' ''हँ ◌ू '' प ा ने   सर उठाया। आँ ख㾀  ☁ तभा से  चमक उठ ं ।

''ते रे  쬒蠂पताजी को मने  भे जा था, वह परस  दे खकर लौटे  ह। कहते  थे , लडक़ा ह रे  का टु कडा, गु लाब का फू ल है । बातचीत दस हजार म㾀  पĀक हो गयी है ।''

''हँ ◌ू '' मोटर क आवाज पा प ा उठकर छत के  नीचे  दे खने  लगी। हष�  से  दय म㾀  तरं ग㾀  उठने  लगीं । मिु Āकराहट दबाकर आप ह  म㾀  हँ सती हु ई चप ठ गयी। ुचाप बै

माता ने  सोचा, लडक़ बडी हो गयी है , 쬒蠂ववाह के  ☁सं ग से  ☁स न हु ई है । खल त पहले  से  ते रे ुकर कहा, ''म बहु 쬒蠂पताजी से  कह रह  थी, वह ते र  पढाई के  쬒蠂वचार म㾀  पडे  थे ।'' नौकर ने  आकर कहा, ''राजे न बाब ूमलने  आये  ह।''

प ा क माता ने  एक कु स  डाल दे ने  के   लए कहा। कु स  डालकर नौकर राजे न बाब ू को बल  नीचे  उतर गया। तब ुाने तक दस ☁वरजी का भे जा हु आ प ा क माता के  पास आया। कहा, ''ज㾀र  काम से  कु छ दे र के   लए ूरा नौकर रामे पि⾮डतजी ज द बल  ह।'' ुाते

जीने  से  प ा क माता उतर रह  थीं , राĀते  म㾀  राजे  से  भ㾀 ट हु ई। राजे  ने  हाथ जोडक़र ☁णाम えकया। प ा क माता ने  क धे  पर हाथ रखकर आ शवा� द  दया और कहा, ''चलो, प ा छत पर है , बै ठो, म अभी आती हँ ◌ू ।''

राजे  जज का लडक़ा है , प ा से  तीन साल बडा, पढाई म㾀  भी। प ा अपरािजता बडी­बडी आँ ख  क उसक ुता से ☁ती෡ा म㾀  थी, जब से  छत से  उसने  दे खा था।

''आइए, राजे न बाब,ू  कु शल तो है ?'' प ा ने  राजे  का उठकर Āवागत えकया। एक कु स  क तरफ बै ठने  के   लए हाथ से  इं गत कर खडी रह । राजे  बै ठ गया, प ा भी बै ठ गयी। ''राजे न, तम ु उदास हो!''

''त෡ ?'' राजे  ने  पछ ुहारा 쬒蠂ववाह हो रहा है ूा।

प ा उठकर खडी हो गयी। बढक़र राजे  का हाथ पकडक़र बोल , ''राजे न, त෡  मझ ? जो ुह㾀 ु पर 쬒蠂व☁वास नह ं ☁ त ा मने  क है ,  हमालय क तरह उस पर अटल रहँ ◌ू गी।''

प ा अपनी कु स  पर बै ठ गयी। मै गजीन खोल उसी तरह प न  म㾀  नजर गडा द । जीने  से  आहट मालम ू द । माता  नगरानी क  नगाह से  दे खती हु ई आ रह  थीं । ☁कृ त Āतध थी। मन म㾀  वै सी ह  अ वे षक चपलता। ''Āय  बे टा, तम ?'' हँ सकर पछ ु इस साल बी।ए। हो गये ूा। ''जी हाँ ।''  सर झु काये  हु ए राजे  ने  उतर  दया।

''त෡ गे  त෡  쬒蠂पताजी, जानते  हो?'' ुहारा 쬒蠂ववाह कब तक कर㾀 ुहारे ''जी नह ं ।''

''त෡ ?'' ुहारा 쬒蠂वचार Āया है ''आप लोग  से  आ ा ले कर 쬒蠂वदा होने  के   लए आया हँ ◌ू , 쬒蠂वलायत भे ज रहे  ह 쬒蠂पताजी।'' न�ता से  राजे  ने  कहा। ''Āया बै रĀटर होने  क इ暞㏂छा है ?'' प ा क माता ने  पछ ूा। ''जी हाँ ।''

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''तम  आना और साथ एक मे म भी लाना, म उसक शिु द कर लँ ◌ू गी।'' प ा हँ सकर ु साहब बनकर 쬒蠂वलायत से बोल ।

नौकर ने  एक त☁तर  पर दो याल  म㾀  चाय द  ­ दो रका बय  पर कु छ  बĀकु ट और के क। दस ज उठा ूरा एक मे लया। राजे  और प ा क कु स  के  बीच रख द , एक धल   बछा द । सासर पर याले  तथा ु तौ लया ऊपर से

रका बय  पर  बĀकु ट और के क रखकर नौकर पानी ले ने  गया, दस  खडा रहा। ूरा आ ा क ☁ती෡ा म㾀

''म  न☁चय कर चक ◌ू , जबान भी दे  चक ◌ू । अबके  त෡ ◌ू गा।'' पि⾮डत रामे ☁वरजी ने  क या ुा हँ ुा हँ ुहार  शाद  कर दँ से  कहा।

''ले えकन मने  भी  न☁चय कर  लया है ,  ड㍡㱵ी ☁ात करने  से  पहले  쬒蠂ववाह न क㾀ँ गी।''  सर झु काकर प ा ने  जवाब दया।

''म मै िजĀे ट हँ ◌ू  बे ट , अब तक अĀल ह  क पहचान करता रहा हँ ◌ू , शायद इससे  俲ퟀयादा सन  क त෡  इ暞㏂छा न ुने ुह㾀 होगी।'' गव�  से  रामे ☁वरजी टहलने  लगे ।

प ा के  दय के  “खले  गल ल पं ख डया हवा के  एक परु जोर झ के  से  काँ प उठ ं । मĀ ­सी चमकती हु ई ुाब क कु ुताओं दो बँ ◌ू द㾀  पलक  के  प  से  झड पडी। यह  उसका उतर था।

''राजे न जब आया, त෡  जीने  पर नौकर भे ज  दया था, एका त म㾀  त෡  सन  के ुहार  माता को बल ुाकर मने ुहार  बात㾀 ुने लए। ◌़  ◌़  ◌़  तम मान क तरह सय और  ढ।'' ु  हमालय क तरह अटल हो, म भी वत�

रामे ☁वरजी ने  कहा, ''त෡  इस लए मने  नह ं  पढाया えक तम ल­कलं क बनो।'' ुह㾀 ु कु ''आप यह सब Āया कह रहे  ह?''

''चप  नह ं  मालम ल क क या हो, वह ෡ य­घराने  का लडक़ा है ­ ऐसा 쬒蠂ववाह नह ं  हो ु रहो। त෡ ुह㾀 ू? तम ु Āा鉕䭥मण­कु सकता।'' रामे ☁वरजी क साँ स ते ज चलने  लगीं , आँ ख㾀  भ ह  से   मल गयीं । ''आप नह ं  समझे  मे रे  कहने  का मतलब।'' प ा क  नगाह कु छ उठ गयी।

''म बात  का बनाना आज दस साल से  दे ख रहा हँ ◌ू । त ू मझ चराती है ? वह बदमाश ◌़  ◌़  !'' ु े

''ऌतना बहु त है । आप अदालत के  अफसर है ! अभी­अभी आपने  कहा था, अब तक अĀल क पहचान करते  रहे  ह, यह आपक अĀल क पहचान है ! आप इतनी बडी बात राजे  को उसके  सामने  कह सकते  ह? बतलाइए, हमालय क तरह अटल सन  आपने  Āया सोचा?'' ु  लया, तो इससे आग लग गयी, जो बहु त  दन  से  प ा क माता के  दय म㾀  सल ुग रह  थी। ''हट जा मे र  नजर  से  बाहर, म समझ गया।'' रामे ☁वर जी ⡀䗀ोध से  काँ पने  लगे । ''आप गलती कर रहे  ह, आप मे रा मतलब नह ं  समझे , म भी  बना पछ  हु ए बतलाकर कमजोर नह ं  बनना ूे चाहती।''

प ा जे ठ क ल ू म㾀  झु लस रह  थी, Āथल प ­सा लाल चे हरा तम­तमा रहा था। आँ ख  क दो सी쬒蠂पयाँ  परु Āकार क दो मĀ   लये  सगव�  चमक रह  थीं । ुताएँ

रामे ☁वरजी 墪�म म㾀  पड ग़ये । चĀकर आ गया। पास क कु स  पर बै ठ गये । सर हथे ल  से  टे ककर सोचने  लगे । प ा 3/7

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उसी तरह खडी द पक क  नĀक෡प  शखा­सी अपने  ☁काश म㾀  जल रह  थी। ''Āया अथ�  है , मझ बता।'' माता ने  बढक़र पछ ु े ूा।

''मतलब यह, राजे न को स दे ह हु आ था, म 쬒蠂ववाह कर लँ ◌ू गी ­ यह जो 쬒蠂पताजी पĀका कर आये  ह, इसके   लए मने  कहा था えक म  हमालय क तरह अटल हँ ◌ू , न えक यह えक म राजन के  साथ 쬒蠂ववाह क㾀ँ गी। हम लोग कह चक  थे  えक पढाई का अ त होने  पर दस गे ।'' ुे ूर   च ता कर㾀 प ा उसी तरह खडी सीधे  ताकती रह । ''त ू राजे न को यार नह ं  करती?'' आँ ख उठाकर रामे ☁वरजी ने  पछ ूा। ''यार? करती हँ ◌ू ।'' ''करती है ?'' ''हाँ , करती हँ ◌ू ।'' ''बस, और Āया?'' ''쬒蠂पता!'' ◌़  ◌़ प ा क आबदार आँ ख  से  आँ सओ के  मोती टू टने  लगे , जो उसके  दय क कमत थे , िजनका मूय समझने वाला ु  ं वहाँ  कोई न था।

माता ने  ठोढ  पर एक उँ गल  रख रामे ☁वरजी क तरफ दे खकर कहा, ''यार भी करती है , मानती भी नह ं , अजीब लडक़ है ।'' ''चप ख㾀  भ ह  से  सट गयीं , ''쬒蠂ववाह और यार एक बात है ? 쬒蠂ववाह करने  से  होता है , यार ु रहो।'' प ा क सजल आँ

आप होता है । कोई えकसी को यार करता है , तो वह उससे  쬒蠂ववाह भी करता है ? 쬒蠂पताजी जज साहब को यार करते ह, तो Āया इ ह ने  उनसे  쬒蠂ववाह भी कर  लया है ?'' रामे ☁वरजी हँ स पडे । ◌ॅ ॅ रामे ☁वरजी ने  शं का क  िĀट से  डॉĀटर से  पछ खा आपने  डॉĀटर साहब?'' ूा, ''Āया दे ''बख  ज़ोर का है , अभी तो कु छ कहा नह ं  जा सकता। ुार बडे

िजĀम क हालत अ暞㏂छ  नह ं , पछ  से  कोई जवाब भी नह ं  दे ती। कल तक अ暞㏂छ  थी, आज एकाएक इतने  जोर ूने का बख ?'' डॉĀटर ने  ☁☁न क  िĀट से  रामे ☁वरजी क तरफ दे खा। ुार, Āया सबब है रामे ☁वरजी पनी क तरफ दे खने  लगे । डाĀटर ने  कहा, ''अ暞㏂छा, म एक नĀ  दे ता हँ ◌ू , इससे  िजĀम क हालत अ暞㏂छ  रहे गी। थोडी­सी बफ�  मँ गा ुखा  लखे

ल िजएगा। आइस­बै ग तो Āय  होगा आपके  यहाँ ?एक नौकर मे रे  साथ भे ज द िजए, म दे  दँ ◌ू गा। इस वĀत एक सौ चार  ड㍡㱵ी बख । बफ�  डालकर  सर पर र“खएगा। एक सौ एक तक आ जाय, तब ज㾀रत नह ं ।'' ुार है डॉĀटर चले  गये । रामे ☁वरजी ने  अपनी पनी से  कहा, ''यह एक दस आ। न तो कु छ कहते  बनता ूरा फसाद खडा हु 4/7

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है , न करते । म कौम क भलाई चाहता था, अब खद ◌ू । हम लोग  म㾀  अभी तक यह ु ह  नकट  का  सरताज हो रहा हँ

बात न थी えक Āा鉕䭥मण क लडक़ का えकसी ෡ य लडक़े  से  쬒蠂ववाह होता। हाँ , ऊँ चे  कु ल क लडえक़याँ  Āा鉕䭥मण  के नीचे  कु ल  म㾀  गयी ह। ले えकन, यह सब आ“खर कौम ह  म㾀  हु आ है ।'' ''तो Āया えकया जाय?'' Āफा रत, Āफुरत आँ ख㾀 , पनी ने  पछ ूा।

''जज साहब से  ह  इसक बचत पछ ं गा। मे र  अĀल अब और नह ं  पहँ ◌ु चती। ◌़  ◌़  अरे  छ टा!'' ूू ''जी!'' छ टा  चलम रखकर दौडा।

''जज साहब से  मे रा नाम ले कर कहना, ज द बल ।'' ुाया है ''और भै या बाब ू को भी बल ?'' ुा लाऊँ

''नह ं ­नह ं ।'' रामे ☁वरजी क पनी ने  डाँ ट  दया। जज साहब पु के  साथ बै ठे  हु ए वाता� लाप कर रहे  थे । इं 瀶लड के  माग� , रहन­सहन, भोजन­पान, अदब­कायदे  का बयान कर रहे  थे । इसी समय छ टा बँ गले  पर हािजर हु आ, और झु ककर सलाम えकया। जज साहब ने  आँ ख उठाकर पछ से  आये  छ टाराम?'' ूा, ''कै

''हु जरू  को सरकार ने  बल , और कहा है , बहु त ज द आने  के   लए कहना।'' ुाया है ''Āय ?'' ''बीबी रानी बीमार ह, डाĀटर साहब आये  थे , और हु जरू  ◌़  ◌़  '' बाक छ टा ने  कह ह  डाला था। ''और Āया?'' ''हु जरू  ◌़  ◌़  '' छ टा ने  हाथ जोड  लये । उसक आँ ख㾀  डबडबा आयीं । जज साहब बीमार  कडी समझकर घबरा गये ! ाइवर को बल  था। जज साहब ने ुाया। छ टा चल  दया। ाइवर नह ं राजे  से  कहा, ''जाओ, मोटर ले  आओ।चल㾀 , दे ख㾀 , Āया बात है ।''

राजे  को दे खकर रामे ☁वरजी सख । टालने  क कोई बात न सझ टा, प ा को बख , ू गये ूी। कहा, ''बे ुार आ गया है चलो, दे खो, तब तक म जज साहब से  कु छ बात㾀  करता हँ ◌ू ।''

राजे  उठ गया। प ा के  कमरे  म㾀  एक नौकर  सर पर आइस­बै ग रĀखे  खडा था। राजे  को दे खकर एक कु स पलं ग के  नजद क रख द । ''प ा!'' ''राजे न!'' प ा क आँ ख  से  टप­टप गम�  आँ स ूगरने  लगे । प ा को एकटक ☁☁न क  िĀट से  दे खते  हु ए राजे  ने  㾀माल से उसके  आँ स ू प छ  दये ।

सर पर हाथ रĀखा, बडे  ज़ोर से  धडक़ रह  थी।

प ा ने  पलक㾀  मं द  えफर  सर पर आइस­बै ग रख  दया। ू ल , नौकर ने सरहाने  थरमामीटर रĀखा था। झाडक़र, राजे  ने  आ हĀते  से  बगल म㾀  लगा  दया। उसका हाथ बगल से सटाकर पकडे  रहा। नजर कमरे  क घडी क़ तरफ थी। 5/7

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नकालकर दे खा, बख ुार एक सौ तीन  ड㍡㱵ी था। अपलक  च ता क  िĀट से  दे खते  हु ए राजे  ने  पछ , आज एकाएक बख से ूा, ''प ा, तम ु कल तो अ暞㏂छ  थीं ुार कै आ गया?''

प ा ने  राजे  क तरफ करवट ल , कु छ न कहा। ''प ा, म अब जाता हँ ◌ू ।''

俲ퟀवर से  उभर  हु ई बडी­बडी अाँ ख  ने  एक बार दे खा, और えफर पलक  के  पद  म㾀  मौन हो गयीं । अब जज साहब और रामे ☁वरजी भी कमरे  म㾀  आ गये । जज साहब ने  प ा के   सर पर हाथ रखकर दे खा, えफर लडक़े  क तरफ  नगाह फे रकर पछ  बख ूा, ''Āया तम ुने ुार दे खा है ?''

''जी हाँ , दे खा है ।'' ''えकतना है ?'' ''एक सौ तीन  ड㍡㱵ी।'' ''मने  रामे ☁वरजी से  कह  दया है , तम । त෡  यहाँ  से  कब जाना है ? ­ परस  न?'' ु आज यह  रहोगे ुह㾀 ''जी।'' ''कल सब सी रहती है । और रामे ☁वरजी, डॉĀटर क दवा करने  क मे रे ुह बतलाना घर आकर, प ा क हालत­कै खयाल से  कोई ज㾀रत नह ं ।''

''जै सा आप कह㾀 ।'' स෡☁दान­Āवर से  रामे ☁वरजी बोले । जज साहब चलने  लगे । दरवाजे  तक रामे ☁वरजी भी गये । राजे  वह ं  रह गया। जज साहब ने  पीछे  えफरकर कहा, ''आप घबराइए मत, आप पर समाज का भत ।'' मन­ह ­मन कहा, ''कै सा बाप और कै सी लडक़! ू सवार है तीन साल बीत गये । प ा के  जीवन म㾀  वै सा ह  ☁भात, वै सा ह  आलोक भरा हु आ है । वह 㾀प, गु ण, 쬒蠂व㾀या और

ऐ☁वय�  क भर  नद , वै सी ह  अपनी पण �  अ ☁य क ओर, वे ग से  बहती जा रह  है । सौ दय�  क वह 俲ퟀयो त­ ूता से रा श Āने ह­ शखाओं  से  वै सी ह  अ෡लान िĀथर है । अब प ा एम।ए। Āलास म㾀  पढती है ।

वह सभी कु छ है , पर वह रामे ☁वरजी नह ं  ह। मृ य ु के  कु छ समय पहले  उ ह ने  प ा को एक प  म㾀   लखा था, ''मने त෡  परू क ह,पर अभी तक मे र  एक भी इ暞㏂छा तम  परू नह ं  क। शायद मे रा शर र न रहे , तम ुहार  सभी इ暞㏂छाएँ ुने ु मे र   सफ�  एक बात मानकर चलो­ राजे  या えकसी अपर जा त के  लडक़े  से  쬒蠂ववाह न करना। बस।''

इसके  बाद से  प ा के  जीवन म㾀  आ☁चय� कर प रवत� न हो गया। जीवन क धारा ह  पलट गयी। एक अ㾀त ु िĀथरता उसम㾀  आ गयी। िजस ग त के  쬒蠂वचार ने  उसके  쬒蠂पता को इतना दब � दया था, उसी जा त क बा लकाओं  को ुल कर  अपने  ढं ग पर  श ෡त कर, अपने  आदश�  पर लाकर 쬒蠂पता क दब �  ☁ तशोध ले ने  का उसने   न☁चय कर ुलता से लया।

राजे  बै रĀटर होकर 쬒蠂वलायत से  आ गया। 쬒蠂पता ने  कहा, ''बे टा, अब अपना काम दे खो।'' राजे  ने  कहा, ''जरा 6/7

8/23/2016

और सोच लँ ◌ू , दे श क प रिĀथ त ठ क नह ं ।'' ''प ा!'' राजे  ने  प ा को पकडक़र कहा। प ा हँ स द । ''तम  कै से  राजे न?'' पछ ु यहाँ ूा।

''बै रĀटर  म㾀  जी नह ं  लगता प ा, बडा नीरस यवसाय है , बडा बे दद� । मने  दे श क से वा का 㮐�त ㍡㱵हण कर  लया है , और तम ु?''

''म भी लडえक़याँ  पढाती हँ ◌ू  ­ तम  쬒蠂ववाह तो えकया होगा?'' ुने ''हाँ , えकया तो है ।'' हँ सकर राजे  ने  कहा।

प ा के  दय पर जै से   बजल  टू ट पडी, ज़ै से  तष ुार क ☁हत प

नी ෡ण भर म㾀  Āयाह पड ग़यी। होश म㾀  आ, अपने

को सँ भालकर कृ म हँ सी रँ गकर पछ ूा, ''えकसके  साथ えकया?''

'' लल  के  साथ।'' उसी तरह हँ सकर राजे  बोला। '' लल  के  साथ!'' प ा Āवर म㾀  काँ प गयी। ''त෡  ने  तो कहा था­쬒蠂वलायत जान और मे म लाना।'' ुह ं प ा क आँ ख㾀  भर आयीं । हँ सकर राजे  ने  कहा, ''यह  तम गे जी क एम।ए। हो?  लल  के  मानी?'' ु अं

         शीष�  पर जाएँ

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