8/23/2016
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मुण
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लल सय �त पाठ नराला ूकां
प ा के च
मख ु पर षोडश कला क श墪� ु चि
का अलान खल रह है । एका त कं ज क कल सी ☁णय के ु
वास ती मलयĀपश� से हल उठती,쬒蠂वकास के लए याकु ल हो रह है ।
प ा क ☁ तभा क ☁शं सा सन 쬒蠂पता ऑनरे र मै िजĀे ट पि⾮डत रामे ☁वरजी शĀ उ俲ퟀ俲ퟀवल ुकर उसके ुल उसके
भ쬒蠂वĀय पर अने क ☁कार क क पनाएँ えकया करते ह। यो瀶य वर के अभाव से उसका 쬒蠂ववाह अब तक रोक रĀखा है । मै क पर ा म㾀 प ा का सब म㾀 पहला Āथान आया था। उसे विृ त मल थी। पनी को, यो瀶य वर न मलने के ूे कारण 쬒蠂ववाह 㾀का हु आ है , शĀ त े ह। सालभर से क या को दे खकर माता भ쬒蠂वĀयशं का से कां प ुलजी समझा दे उठती ह। प ा काशी 쬒蠂व☁व쬒蠂व㾀यालय के कला쬒蠂वभाग म㾀 दस साल क छा ा है । ग म� य क छु ��ी है , इलाहाबाद घर आयी ूरे
हु ई है । अबके प ा का उभार, उसका रं ग㾀प, उसक चतवनचलनकौशलवाता� लाप पहले से सभी बदल गये ह। उसके दय म㾀 अपनी क पना से कोमल सौ दय� क भावना, मिĀतĀक म㾀 लोकाचार से Āवत अपने उ暞㏂छृ ं खल आनक 쬒蠂वचार पै दा हो गये ह। उसे नĀसं कोच चलती えफरती, उठतीबै ठती, हँ सतीबोलती दे खकर माता ुूय के दय के बोलवाले तार से कु छ और ढ ल तथा बे सरु पड ग़यी ह।
एक दन स या के डू बते सय �े सन ☁काश म㾀 , नर墪� नील आकाश के नीचे , छत पर, दो कुस� याँ डलवा माता ू क ुहले और क या गं गा का रजतसौ दय� एकटक दे ख रह थी। माता प ा क पढाई, कॉले ज क छा ाओं क सं Āया, बा लकाओं के होĀटल का ☁ब ध आ द बात㾀 पछ ती है । हाथ म㾀 है हाल क नकल Āड ूती ह, प ा उतर दे
मै गजीन क एक ☁ त। तĀवीर㾀 दे खती जाती है । हवा का एक हलका झ का आया, खल रे शमी बाल, सर से साडी ुे
क़ो उडाकर, गु दगु दाकर, चला गया। '' सर ढक लया करो, तम हया हु ई जाती हो।'' माता ने 㾀खाई से कहा। प ा ु बे ने सर पर साडी क़ जर दार えकनार चढा ल , आँ ख㾀 नीची कर えकताब के प ने उलटने लगी। ''प ा!'' गभीर होकर माता ने कहा। ''जी!'' चलते हु ए उप यास क एक तĀवीर दे खती हु ई न�ता से बोल । मन से अपराध क छाप मट गयी, माता क वास यस रता म㾀 कु छ दे र के लए बाढसी आ गयी, उठते उ暞㏂겉�वास से बोल , ''कानपरु म㾀 एक नामी वकल महे श☁साद पाठ ह।'' ''हँ ◌ू '' ◌़ ◌़ ◌़ एक दस खती हु ई। ूर तĀवीर दे
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''उनका लडक़ा आगरा यु नव स� ट से एम।ए। म㾀 इस साल फĀट� Āलास फĀट� आया है ।'' ''हँ ◌ू '' प ा ने सर उठाया। आँ ख㾀 ☁ तभा से चमक उठ ं ।
''ते रे 쬒蠂पताजी को मने भे जा था, वह परस दे खकर लौटे ह। कहते थे , लडक़ा ह रे का टु कडा, गु लाब का फू ल है । बातचीत दस हजार म㾀 पĀक हो गयी है ।''
''हँ ◌ू '' मोटर क आवाज पा प ा उठकर छत के नीचे दे खने लगी। हष� से दय म㾀 तरं ग㾀 उठने लगीं । मिु Āकराहट दबाकर आप ह म㾀 हँ सती हु ई चप ठ गयी। ुचाप बै
माता ने सोचा, लडक़ बडी हो गयी है , 쬒蠂ववाह के ☁सं ग से ☁स न हु ई है । खल त पहले से ते रे ुकर कहा, ''म बहु 쬒蠂पताजी से कह रह थी, वह ते र पढाई के 쬒蠂वचार म㾀 पडे थे ।'' नौकर ने आकर कहा, ''राजे न बाब ूमलने आये ह।''
प ा क माता ने एक कु स डाल दे ने के लए कहा। कु स डालकर नौकर राजे न बाब ू को बल नीचे उतर गया। तब ुाने तक दस ☁वरजी का भे जा हु आ प ा क माता के पास आया। कहा, ''ज㾀र काम से कु छ दे र के लए ूरा नौकर रामे पि⾮डतजी ज द बल ह।'' ुाते
जीने से प ा क माता उतर रह थीं , राĀते म㾀 राजे से भ㾀 ट हु ई। राजे ने हाथ जोडक़र ☁णाम えकया। प ा क माता ने क धे पर हाथ रखकर आ शवा� द दया और कहा, ''चलो, प ा छत पर है , बै ठो, म अभी आती हँ ◌ू ।''
राजे जज का लडक़ा है , प ा से तीन साल बडा, पढाई म㾀 भी। प ा अपरािजता बडीबडी आँ ख क उसक ुता से ☁तीा म㾀 थी, जब से छत से उसने दे खा था।
''आइए, राजे न बाब,ू कु शल तो है ?'' प ा ने राजे का उठकर Āवागत えकया। एक कु स क तरफ बै ठने के लए हाथ से इं गत कर खडी रह । राजे बै ठ गया, प ा भी बै ठ गयी। ''राजे न, तम ु उदास हो!''
''त ?'' राजे ने पछ ुहारा 쬒蠂ववाह हो रहा है ूा।
प ा उठकर खडी हो गयी। बढक़र राजे का हाथ पकडक़र बोल , ''राजे न, त मझ ? जो ुह㾀 ु पर 쬒蠂व☁वास नह ं ☁ त ा मने क है , हमालय क तरह उस पर अटल रहँ ◌ू गी।''
प ा अपनी कु स पर बै ठ गयी। मै गजीन खोल उसी तरह प न म㾀 नजर गडा द । जीने से आहट मालम ू द । माता नगरानी क नगाह से दे खती हु ई आ रह थीं । ☁कृ त Āतध थी। मन म㾀 वै सी ह अ वे षक चपलता। ''Āय बे टा, तम ?'' हँ सकर पछ ु इस साल बी।ए। हो गये ूा। ''जी हाँ ।'' सर झु काये हु ए राजे ने उतर दया।
''त गे त 쬒蠂पताजी, जानते हो?'' ुहारा 쬒蠂ववाह कब तक कर㾀 ुहारे ''जी नह ं ।''
''त ?'' ुहारा 쬒蠂वचार Āया है ''आप लोग से आ ा ले कर 쬒蠂वदा होने के लए आया हँ ◌ू , 쬒蠂वलायत भे ज रहे ह 쬒蠂पताजी।'' न�ता से राजे ने कहा। ''Āया बै रĀटर होने क इ暞㏂छा है ?'' प ा क माता ने पछ ूा। ''जी हाँ ।''
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''तम आना और साथ एक मे म भी लाना, म उसक शिु द कर लँ ◌ू गी।'' प ा हँ सकर ु साहब बनकर 쬒蠂वलायत से बोल ।
नौकर ने एक त☁तर पर दो याल म㾀 चाय द दो रका बय पर कु छ बĀकु ट और के क। दस ज उठा ूरा एक मे लया। राजे और प ा क कु स के बीच रख द , एक धल बछा द । सासर पर याले तथा ु तौ लया ऊपर से
रका बय पर बĀकु ट और के क रखकर नौकर पानी ले ने गया, दस खडा रहा। ूरा आ ा क ☁तीा म㾀
''म न☁चय कर चक ◌ू , जबान भी दे चक ◌ू । अबके त ◌ू गा।'' पि⾮डत रामे ☁वरजी ने क या ुा हँ ुा हँ ुहार शाद कर दँ से कहा।
''ले えकन मने भी न☁चय कर लया है , ड㍡㱵ी ☁ात करने से पहले 쬒蠂ववाह न क㾀ँ गी।'' सर झु काकर प ा ने जवाब दया।
''म मै िजĀे ट हँ ◌ू बे ट , अब तक अĀल ह क पहचान करता रहा हँ ◌ू , शायद इससे 俲ퟀयादा सन क त इ暞㏂छा न ुने ुह㾀 होगी।'' गव� से रामे ☁वरजी टहलने लगे ।
प ा के दय के खले गल ल पं ख डया हवा के एक परु जोर झ के से काँ प उठ ं । मĀ सी चमकती हु ई ुाब क कु ुताओं दो बँ ◌ू द㾀 पलक के प से झड पडी। यह उसका उतर था।
''राजे न जब आया, त जीने पर नौकर भे ज दया था, एका त म㾀 त सन के ुहार माता को बल ुाकर मने ुहार बात㾀 ुने लए। ◌़ ◌़ ◌़ तम मान क तरह सय और ढ।'' ु हमालय क तरह अटल हो, म भी वत�
रामे ☁वरजी ने कहा, ''त इस लए मने नह ं पढाया えक तम लकलं क बनो।'' ुह㾀 ु कु ''आप यह सब Āया कह रहे ह?''
''चप नह ं मालम ल क क या हो, वह यघराने का लडक़ा है ऐसा 쬒蠂ववाह नह ं हो ु रहो। त ुह㾀 ू? तम ु Āा鉕䭥मणकु सकता।'' रामे ☁वरजी क साँ स ते ज चलने लगीं , आँ ख㾀 भ ह से मल गयीं । ''आप नह ं समझे मे रे कहने का मतलब।'' प ा क नगाह कु छ उठ गयी।
''म बात का बनाना आज दस साल से दे ख रहा हँ ◌ू । त ू मझ चराती है ? वह बदमाश ◌़ ◌़ !'' ु े
''ऌतना बहु त है । आप अदालत के अफसर है ! अभीअभी आपने कहा था, अब तक अĀल क पहचान करते रहे ह, यह आपक अĀल क पहचान है ! आप इतनी बडी बात राजे को उसके सामने कह सकते ह? बतलाइए, हमालय क तरह अटल सन आपने Āया सोचा?'' ु लया, तो इससे आग लग गयी, जो बहु त दन से प ा क माता के दय म㾀 सल ुग रह थी। ''हट जा मे र नजर से बाहर, म समझ गया।'' रामे ☁वर जी ⡀䗀ोध से काँ पने लगे । ''आप गलती कर रहे ह, आप मे रा मतलब नह ं समझे , म भी बना पछ हु ए बतलाकर कमजोर नह ं बनना ूे चाहती।''
प ा जे ठ क ल ू म㾀 झु लस रह थी, Āथल प सा लाल चे हरा तमतमा रहा था। आँ ख क दो सी쬒蠂पयाँ परु Āकार क दो मĀ लये सगव� चमक रह थीं । ुताएँ
रामे ☁वरजी 墪�म म㾀 पड ग़ये । चĀकर आ गया। पास क कु स पर बै ठ गये । सर हथे ल से टे ककर सोचने लगे । प ा 3/7
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उसी तरह खडी द पक क नĀकप शखासी अपने ☁काश म㾀 जल रह थी। ''Āया अथ� है , मझ बता।'' माता ने बढक़र पछ ु े ूा।
''मतलब यह, राजे न को स दे ह हु आ था, म 쬒蠂ववाह कर लँ ◌ू गी यह जो 쬒蠂पताजी पĀका कर आये ह, इसके लए मने कहा था えक म हमालय क तरह अटल हँ ◌ू , न えक यह えक म राजन के साथ 쬒蠂ववाह क㾀ँ गी। हम लोग कह चक थे えक पढाई का अ त होने पर दस गे ।'' ुे ूर च ता कर㾀 प ा उसी तरह खडी सीधे ताकती रह । ''त ू राजे न को यार नह ं करती?'' आँ ख उठाकर रामे ☁वरजी ने पछ ूा। ''यार? करती हँ ◌ू ।'' ''करती है ?'' ''हाँ , करती हँ ◌ू ।'' ''बस, और Āया?'' ''쬒蠂पता!'' ◌़ ◌़ प ा क आबदार आँ ख से आँ सओ के मोती टू टने लगे , जो उसके दय क कमत थे , िजनका मूय समझने वाला ु ं वहाँ कोई न था।
माता ने ठोढ पर एक उँ गल रख रामे ☁वरजी क तरफ दे खकर कहा, ''यार भी करती है , मानती भी नह ं , अजीब लडक़ है ।'' ''चप ख㾀 भ ह से सट गयीं , ''쬒蠂ववाह और यार एक बात है ? 쬒蠂ववाह करने से होता है , यार ु रहो।'' प ा क सजल आँ
आप होता है । कोई えकसी को यार करता है , तो वह उससे 쬒蠂ववाह भी करता है ? 쬒蠂पताजी जज साहब को यार करते ह, तो Āया इ ह ने उनसे 쬒蠂ववाह भी कर लया है ?'' रामे ☁वरजी हँ स पडे । ◌ॅ ॅ रामे ☁वरजी ने शं का क िĀट से डॉĀटर से पछ खा आपने डॉĀटर साहब?'' ूा, ''Āया दे ''बख ज़ोर का है , अभी तो कु छ कहा नह ं जा सकता। ुार बडे
िजĀम क हालत अ暞㏂छ नह ं , पछ से कोई जवाब भी नह ं दे ती। कल तक अ暞㏂छ थी, आज एकाएक इतने जोर ूने का बख ?'' डॉĀटर ने ☁☁न क िĀट से रामे ☁वरजी क तरफ दे खा। ुार, Āया सबब है रामे ☁वरजी पनी क तरफ दे खने लगे । डाĀटर ने कहा, ''अ暞㏂छा, म एक नĀ दे ता हँ ◌ू , इससे िजĀम क हालत अ暞㏂छ रहे गी। थोडीसी बफ� मँ गा ुखा लखे
ल िजएगा। आइसबै ग तो Āय होगा आपके यहाँ ?एक नौकर मे रे साथ भे ज द िजए, म दे दँ ◌ू गा। इस वĀत एक सौ चार ड㍡㱵ी बख । बफ� डालकर सर पर रखएगा। एक सौ एक तक आ जाय, तब ज㾀रत नह ं ।'' ुार है डॉĀटर चले गये । रामे ☁वरजी ने अपनी पनी से कहा, ''यह एक दस आ। न तो कु छ कहते बनता ूरा फसाद खडा हु 4/7
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है , न करते । म कौम क भलाई चाहता था, अब खद ◌ू । हम लोग म㾀 अभी तक यह ु ह नकट का सरताज हो रहा हँ
बात न थी えक Āा鉕䭥मण क लडक़ का えकसी य लडक़े से 쬒蠂ववाह होता। हाँ , ऊँ चे कु ल क लडえक़याँ Āा鉕䭥मण के नीचे कु ल म㾀 गयी ह। ले えकन, यह सब आखर कौम ह म㾀 हु आ है ।'' ''तो Āया えकया जाय?'' Āफा रत, Āफुरत आँ ख㾀 , पनी ने पछ ूा।
''जज साहब से ह इसक बचत पछ ं गा। मे र अĀल अब और नह ं पहँ ◌ु चती। ◌़ ◌़ अरे छ टा!'' ूू ''जी!'' छ टा चलम रखकर दौडा।
''जज साहब से मे रा नाम ले कर कहना, ज द बल ।'' ुाया है ''और भै या बाब ू को भी बल ?'' ुा लाऊँ
''नह ं नह ं ।'' रामे ☁वरजी क पनी ने डाँ ट दया। जज साहब पु के साथ बै ठे हु ए वाता� लाप कर रहे थे । इं 瀶लड के माग� , रहनसहन, भोजनपान, अदबकायदे का बयान कर रहे थे । इसी समय छ टा बँ गले पर हािजर हु आ, और झु ककर सलाम えकया। जज साहब ने आँ ख उठाकर पछ से आये छ टाराम?'' ूा, ''कै
''हु जरू को सरकार ने बल , और कहा है , बहु त ज द आने के लए कहना।'' ुाया है ''Āय ?'' ''बीबी रानी बीमार ह, डाĀटर साहब आये थे , और हु जरू ◌़ ◌़ '' बाक छ टा ने कह ह डाला था। ''और Āया?'' ''हु जरू ◌़ ◌़ '' छ टा ने हाथ जोड लये । उसक आँ ख㾀 डबडबा आयीं । जज साहब बीमार कडी समझकर घबरा गये ! ाइवर को बल था। जज साहब ने ुाया। छ टा चल दया। ाइवर नह ं राजे से कहा, ''जाओ, मोटर ले आओ।चल㾀 , दे ख㾀 , Āया बात है ।''
राजे को दे खकर रामे ☁वरजी सख । टालने क कोई बात न सझ टा, प ा को बख , ू गये ूी। कहा, ''बे ुार आ गया है चलो, दे खो, तब तक म जज साहब से कु छ बात㾀 करता हँ ◌ू ।''
राजे उठ गया। प ा के कमरे म㾀 एक नौकर सर पर आइसबै ग रĀखे खडा था। राजे को दे खकर एक कु स पलं ग के नजद क रख द । ''प ा!'' ''राजे न!'' प ा क आँ ख से टपटप गम� आँ स ूगरने लगे । प ा को एकटक ☁☁न क िĀट से दे खते हु ए राजे ने 㾀माल से उसके आँ स ू प छ दये ।
सर पर हाथ रĀखा, बडे ज़ोर से धडक़ रह थी।
प ा ने पलक㾀 मं द えफर सर पर आइसबै ग रख दया। ू ल , नौकर ने सरहाने थरमामीटर रĀखा था। झाडक़र, राजे ने आ हĀते से बगल म㾀 लगा दया। उसका हाथ बगल से सटाकर पकडे रहा। नजर कमरे क घडी क़ तरफ थी। 5/7
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नकालकर दे खा, बख ुार एक सौ तीन ड㍡㱵ी था। अपलक च ता क िĀट से दे खते हु ए राजे ने पछ , आज एकाएक बख से ूा, ''प ा, तम ु कल तो अ暞㏂छ थीं ुार कै आ गया?''
प ा ने राजे क तरफ करवट ल , कु छ न कहा। ''प ा, म अब जाता हँ ◌ू ।''
俲ퟀवर से उभर हु ई बडीबडी अाँ ख ने एक बार दे खा, और えफर पलक के पद म㾀 मौन हो गयीं । अब जज साहब और रामे ☁वरजी भी कमरे म㾀 आ गये । जज साहब ने प ा के सर पर हाथ रखकर दे खा, えफर लडक़े क तरफ नगाह फे रकर पछ बख ूा, ''Āया तम ुने ुार दे खा है ?''
''जी हाँ , दे खा है ।'' ''えकतना है ?'' ''एक सौ तीन ड㍡㱵ी।'' ''मने रामे ☁वरजी से कह दया है , तम । त यहाँ से कब जाना है ? परस न?'' ु आज यह रहोगे ुह㾀 ''जी।'' ''कल सब सी रहती है । और रामे ☁वरजी, डॉĀटर क दवा करने क मे रे ुह बतलाना घर आकर, प ा क हालतकै खयाल से कोई ज㾀रत नह ं ।''
''जै सा आप कह㾀 ।'' स☁दानĀवर से रामे ☁वरजी बोले । जज साहब चलने लगे । दरवाजे तक रामे ☁वरजी भी गये । राजे वह ं रह गया। जज साहब ने पीछे えफरकर कहा, ''आप घबराइए मत, आप पर समाज का भत ।'' मनह मन कहा, ''कै सा बाप और कै सी लडक़! ू सवार है तीन साल बीत गये । प ा के जीवन म㾀 वै सा ह ☁भात, वै सा ह आलोक भरा हु आ है । वह 㾀प, गु ण, 쬒蠂व㾀या और
ऐ☁वय� क भर नद , वै सी ह अपनी पण � अ ☁य क ओर, वे ग से बहती जा रह है । सौ दय� क वह 俲ퟀयो त ूता से रा श Āने ह शखाओं से वै सी ह अलान िĀथर है । अब प ा एम।ए। Āलास म㾀 पढती है ।
वह सभी कु छ है , पर वह रामे ☁वरजी नह ं ह। मृ य ु के कु छ समय पहले उ ह ने प ा को एक प म㾀 लखा था, ''मने त परू क ह,पर अभी तक मे र एक भी इ暞㏂छा तम परू नह ं क। शायद मे रा शर र न रहे , तम ुहार सभी इ暞㏂छाएँ ुने ु मे र सफ� एक बात मानकर चलो राजे या えकसी अपर जा त के लडक़े से 쬒蠂ववाह न करना। बस।''
इसके बाद से प ा के जीवन म㾀 आ☁चय� कर प रवत� न हो गया। जीवन क धारा ह पलट गयी। एक अ㾀त ु िĀथरता उसम㾀 आ गयी। िजस ग त के 쬒蠂वचार ने उसके 쬒蠂पता को इतना दब � दया था, उसी जा त क बा लकाओं को ुल कर अपने ढं ग पर श त कर, अपने आदश� पर लाकर 쬒蠂पता क दब � ☁ तशोध ले ने का उसने न☁चय कर ुलता से लया।
राजे बै रĀटर होकर 쬒蠂वलायत से आ गया। 쬒蠂पता ने कहा, ''बे टा, अब अपना काम दे खो।'' राजे ने कहा, ''जरा 6/7
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और सोच लँ ◌ू , दे श क प रिĀथ त ठ क नह ं ।'' ''प ा!'' राजे ने प ा को पकडक़र कहा। प ा हँ स द । ''तम कै से राजे न?'' पछ ु यहाँ ूा।
''बै रĀटर म㾀 जी नह ं लगता प ा, बडा नीरस यवसाय है , बडा बे दद� । मने दे श क से वा का 㮐�त ㍡㱵हण कर लया है , और तम ु?''
''म भी लडえक़याँ पढाती हँ ◌ू तम 쬒蠂ववाह तो えकया होगा?'' ुने ''हाँ , えकया तो है ।'' हँ सकर राजे ने कहा।
प ा के दय पर जै से बजल टू ट पडी, ज़ै से तष ुार क ☁हत प
नी ण भर म㾀 Āयाह पड ग़यी। होश म㾀 आ, अपने
को सँ भालकर कृ म हँ सी रँ गकर पछ ूा, ''えकसके साथ えकया?''
'' लल के साथ।'' उसी तरह हँ सकर राजे बोला। '' लल के साथ!'' प ा Āवर म㾀 काँ प गयी। ''त ने तो कहा था쬒蠂वलायत जान और मे म लाना।'' ुह ं प ा क आँ ख㾀 भर आयीं । हँ सकर राजे ने कहा, ''यह तम गे जी क एम।ए। हो? लल के मानी?'' ु अं
शीष� पर जाएँ
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